Wednesday, November 18, 2009

गोपाल दास सक्सेना 'नीरज'


गोपाल दास सक्सेना नीरज का जन्म ४ जनवरी १९२५ को उत्तर प्रदेश के जिला इटावा के गांव पुरावली में हुआ। उन्होंने सन १९५३ में प्रथम श्रेणी में एम.ए. किया। सालों तक सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में टाइपिसट और क्लर्क की नौकरियां की। बाद में मेरठ कालेज में हिन्दी प्राध्यापक हुये फिर अलीगढ के एक कालेज में पढाया। देश भर में कवि सम्मेलनों में हिस्सा लिया। फिल्मों में यादगार गीत लिखे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुआ। भारत सरकार द्वारा पदम श्री के अलावा उन्हें अनेक और भी पुरस्कार और सम्मान मिले।
नीरज कहते हैं, “मेरी भाषा के प्रति लोगों की शिकायत रही है कि न तो वह हिंदी है और न उर्दू. उनकी यह शिकायत सही है और इसका कारण यह है कि मेरे काव्य का जो विषय मानव प्रेम है उसकी भाषा भी इन दोनों में से कोई नहीं है।"

2 comments:

Randhir Singh Suman said...

nice

Himanshu Mohan said...

आपका यह ब्लॉग अत्यन्त सार्थक ब्लॉग है, जो उत्तम-साहित्य और साहित्यकार-चर्चा के पिपासुजनों को एक घनी हरी छाँव जैसा आश्रय प्रदान करता है। आप की निराला, काबुलीवाला, ज्योतिर्मयी, नीरज पर पोस्टें पढ़ चुका हूँ। धीरे-धीरे आराम से पढ़ता हूँ।
आपके ब्लॉग की सार्थकता और उपयोगिता को टिप्पणियों की संख्या से नहीं मापा जा सकता।
आप की अगली पोस्टों की प्रतीक्षा में,
शुभेच्छु, साभार!